उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश में बदलने का सपना
जब हम हिंदुत्व कि बात करते हैं तो एक मुखर आवाज के रूप योगी का चेहरा सामने दिखाई पड़ता है, इनका राजनीतिक इतिहास बहुत ही शानदार रहा है
योगी जब पहली बार गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के माथाधीश बने थे तो वहाँ से उनकी राजनीतिक पराव कि शुरुआत हुई क्यों कि उस समय राम मंदिर आंदोलन उबाल पर था, गोरखनाथ मंदिर के लोंग भी इस आंदोलन में अहम भूमिका में थे!
गोरखपुर लोकसभा से पहली बार पहली वार सांसद बने और लगातार 5 बार सांसद वही से बीजेपी के टिकट पर चुने गए, वर्ष 2017 में जब उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव हुई तो योगी ने पूर्वांचल के सभी सीटों पर अपना दम दिखाया और बीजेपी उत्तर प्रदेश में 312 सीट लेकर जीत हासिल कर ली, बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव से पहले घोषित नहीं किया था, बहुत सारे लोंगो के नाम का कयास लगाया जा रहा था, योगी का नाम तो चर्चा में भी नहीं था, इसी भी मोदी और अमित साह ने एक मास्टरस्ट्रोक खेला और योगी को बना दिया उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री, थोड़े से विरोध भी अन्दरखाने में हुई मर सिमट गई, क्यों की मोदी साह की जोड़ी के सामने कौन टिक पता ,योगी ने जब अपना कार्य भार संभाला उसने कानून व्यवस्था को ठीक करने का जिम्मा लिया ,सभी अधिकारियों के साथ बैठक की और आदेश दिया की अपने दायित्व को निभाने प्रयास करे ,फिर यागी एक अलग अंदाज में काम करवाना शुरू कर दिया ,जबकि बीजेपी शासित राज्य में मोदी ,मुख्यमंत्री को खुला छूट भी नही देते मगर योगी को खुल कर काम करने का मौका दिया ,यागी ने अपने कार्यकाल में बहुत अच्छे और खराब काम किए जिनसे उनका एक हिंदुत्न का चहरा सामने आया ,बाद में जब शीर्ष नेतृत्व को यह लगने लगा की यागी का कद बढ़ रहा है तो उसने लगाम कसने का प्रयास, रया मगर यागी बिना किसी के दबाव में आए काम करता रहा ,आज युपी भारत का दूसरा अर्थव्यवस्था वाला राज्य है ,जब से भारत सरकार ने कृषि कानून वापस लिया है, राजनीतिक जमीन हिलते दखने लगी है ऐसे में युपी चुनाव 2022 बहुत अहम है यागी का आगे का राजनीतिक सफर यहांँ से तय होना है
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