गुरुवार, 24 अप्रैल 2025

बिहार में राष्ट्रवाद का मुद्दा अब पुराना पड़ चुका है!

 battle of bihar politics :- chandan jha

बिहार के मधुबनी में पीएम मोदी की रैली को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है!  24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर मधुबनी में पीएम मोदी की जनसभा थी, जो कई मायनों में अहम मानी जा रही थी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम का पहला सार्वजनिक कार्यक्रम, बिहार को 13,480 करोड़ की सौगात, और एनडीए की एकजुटता का प्रदर्शन—सब कुछ दांव पर था। लेकिन सूत्रों की मानें तो इस रैली में भीड़ जुटाने में स्थानीय बीजेपी नेताओं ने निराश किया। 

कहा जा रहा है कि पीएम मोदी इस बात से नाराज़ थे कि मधुबनी जैसे मिथिलांचल के गढ़ में, जहां पान, माछ, और मखाना की संस्कृति के साथ राष्ट्रवाद का जोश होना चाहिए था, वहां उत्साह की कमी दिखी। सूत्रों का दावा है कि पीएम ने स्थानीय नेताओं की निष्क्रियता पर आपत्ति जताई और जल्द ही "बिना जनाधार" वाले नेताओं पर गाज गिर सकती है।  क्या बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व में जनाधार की कमी है? या फिर बिहार चुनाव से पहले कोई और सियासी खेल चल रहा है? 

रैली की तैयारी में केंद्र और राज्य का सरकारी तंत्र महीनों से जुटा था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, और जेडीयू के संजय झा जैसे दिग्गजों को भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। दावा था कि मधुबनी सहित 13 जिलों से 5 लाख लोग पहुंचेंगे। लेकिन अगर भीड़ नहीं जुटी, तो सवाल उठता है—क्या बीजेपी का राष्ट्रवाद का मुद्दा बिहार में फीका पड़ रहा है? या फिर नीतीश कुमार की जेडीयू ने रैली में कोई अंदरूनी खेल किया? 

 पहलगाम हमले के बाद रैली को शोक सभा में बदला गया, कोई स्वागत-फूल माला नहीं हुआ। फिर भी, विपक्ष ने रैली को "नेशनल ड्रामा" करार देते हुए बीजेपी पर सवाल उठाए। यह भी चर्चा है कि पीएम आज रैली में आने को लेकर उत्साहित नहीं थे, लेकिन एनडीए की एकता दिखाने के लिए पहुंचे। क्या स्थानीय नेताओं ने इस मौके को गंवा दिया? 

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और बीजेपी-जेडीयू गठबंधन नीतीश के नेतृत्व में "2025 फिर से नीतीश" का नारा बुलंद कर रहा है। लेकिन अगर मधुबनी जैसी रैली में जनता का जोश ठंडा रहा, तो क्या बीजेपी का राष्ट्रवाद और विकास का एजेंडा लोगों को लुभा पाएगा? या फिर नीतीश की "पलटीमार" छवि और जेडीयू की रणनीति बीजेपी के लिए चुनौती बनेगी? 

सवाल कई हैं:

 क्या बीजेपी के स्थानीय नेताओं में जनाधार की कमी है?

 क्या जेडीयू ने रैली में जानबूझकर कम जोर लगाया?

 क्या बिहार में राष्ट्रवाद का मुद्दा अब पुराना पड़ चुका है?  

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गुरुवार, 12 सितंबर 2024

अमेरिका का किस्सा राहुल गांधी को बनाया गया टूल किट का हिस्सा !


              राहुल ने अमेरिका सें  अपने पिंच पर बीजेपी को खेलनें पर मजबूर कर दिया !

 राहुल गांधी का अमेरिका यात्रा बहुत सुर्खीयों में है, इसके पिछे कई सारे कारण है, लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद जिस प्रकार से राहुल गांधी ने विपक्ष को अपने साथ लीड कर रहे हैं ..... कान्फीडेन्स दिखा रहे हैं , कई सारे मुंद्दो पर सरकार को घेर रहे हैं इसके कारण  सरकार को कई सारे चीजे वापस लेनी पड़ी है ... जिसके कारण बीजेपी के समर्थक सरकार की अलोचना कर रहें  हैं  , जिससे मोदीजी पर भी दवाब बनने लगा है , कोई भी ऐसा मुद्दा नहीं मिल रहा था , जिसके आधार पर राहुल को घेरा जाए , इसी बीच राहल गांधी का यूएस यात्रा की बात सामने आई, तभी बीजेपी ने इनके घेरने की तैयारी शुरू कर दी , जैसे ही राहुल गांधी यूएस पहुंचते है और वहां यूनवसीटी आफं टेक्सास में अपनी बात को रखते हैं,,,,, वैसे ही बीजेपी के तरफ से बयान आना शुरू हो जाता है , राहुल गांधी ने जो बयान दिया जातिय जनगणना , सिखों को लेकर देश में क्या हो रहा है धर्म को लेकर कैसे लोगो के साथ व्यवहार किया जाता है, चीन मौडल पर भी उन्होने बात किया ,कैसे चीन अपने लोगों को रोजगार देता है , आरक्षण को लेकर उन्होने कहां जब सबकुछ देश में सामान्य हो जाएगा , सबको अपना अधिकार मिल जाएगा तब आरक्षण हटा दिया जाएगा , इसी पर बीजेपी नेताओ ने राहुल गांधी पर हमला बोल दिया सिखों पर बीजेपी नेताओ  ने राहुल के बयान को खलीस्तानी एजेंडा का समर्थक बता दिया , पतवंत सिंह पन्नु ने भी राहुल गांधी के बयान को अपने एजेंडा में लाकर बयान दिया , आरक्षण को लेकर बीजेपी हमेसा बैकफुट पर नजर आती है बीजेपी को  इसका नुकशान 2015 के विधानसभा चुनाव , लोकसभा चुनाव 2024 में संविधान के मद्दे पर भी नुकसान हुआ , इसलिय राहुल को अरक्षण के खिलाफ बयान बताने में लग गए , बीजेपी को पता है अगले 5 साल में आरक्षण का मुद्दा बहुत हावी होने वाला है , बीजेपी इसका काट भी ढूढ़ने में लगी है. चीन पर राहुल गांधी ने वहां के विकास मौडल और रोजगार को भारत के मौडल से जोड़कर बताया, कि भारत  में भी रोजगार एक समस्या है चीन के इकनोमिक मौडल का उदाहरण दिया , चीन भारत पर कब्जा कर रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रहा है , बीजेपी ने राहुल को चीन परस्त बताया, राहुल गांधी अब राजनीतिक रूप सें एक नया पिंच बनाया है जिसपर बीजेपी को खेलना पर रहा है 

शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023

भारत जोड़ो यात्रा 1.0 से उत्साहित कांग्रेसियों की तरफ से बार-बार लोकसभा चुनावों के पहले राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा 2.0 की मांग की जाती रही है।

  भारत जोड़ो यात्रा 1.0 से उत्साहित कांग्रेसियों की तरफ से बार-बार लोकसभा चुनावों के पहले राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा 2.0 की मांग की जाती रही है। लेकिन यात्रा के पहले चरण में ही राहुल के घुटने में उभरी पुरानी चोट के चलते पार्ट-2 शुरु नहीं हो सकी। बमुश्किल दर्द के बीच राहुल ने दक्षिण(कन्याकुमारी) से उत्तर(कश्मीर) की 3500 किलोमीटर की यात्रा पैदल पूरी की। 

अब पार्टी में भारी डिमांड के बाद 21 दिसम्बर को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आखिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल के सामने मांग रख दी, जिस पर राहुल ने हामी तो भर दी। लेकिन उसी बैठक में तमाम नेताओं ने यात्रा के दूसरे चरण को लोकसभा चुनाव को देखते हुए सिर्फ पदयात्रा के बजाय नए प्रारूप में किये जाने की वकालत की।

1.अबकी बार दक्षिण से उत्तर के बाद यात्रा पूर्व(अरुणांचल प्रदेश) से पश्चिम (गुजरात) की जानी है।

2.लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसमें पूर्वोत्तर के राज्य, ओडिशा, बंगाल, झारखंड, यूपी, गुजरात जैसे राज्यों पर खास फोकस किया जाए।

3. रैली या अहम कार्यक्रमों के पहले पदयात्रा हो, उसके अलावा बस, साइकिल, बाइक के साथ ही ट्रैक्टर, ट्रक का इस्तेमाल हो। इससे कम वक्त में ज़्यादा कार्यक्रम किये जा सकें और चुनाव के चलते जल्दी यात्रा पूरी हो सके।

4. सूत्रों के मुताबिक, जनवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते से शुरू की जाए और मार्च के दूसरे या तीसरे हफ्ते तक 60 दिनों के वक़्त में किया जाने का प्रस्ताव है।

5. इंडिया गठबंधन की एकजुटता दिखाने के लिए अलग अलग उसके नेताओं को भी इसमें आमंत्रित किया जाए।

फिलहाल प्रस्ताव पूर्व में अरुणाचल के परशुराम कुंड से पश्चिम में गुजरात के पोरबंदर या साबरमती तक का रखा गया है। दरअसल, राहुल गांधी खुद को शिवभक्त और महात्मा गांधी का अनुयाई मानते हैं। ऐसे में रुद्राक्ष के घने पेड़ों के बीच बसा परशुराम कुंड और गांधी जी जुड़ा साबरमती और पोरबंदर शामिल किए जाने की वकालत की जा रही है।

हालांकि, ये सुझाव आये हैं,अभी इस यात्रा के रूट और प्रारूप को अंतिम रूप दिए जाने पर पार्टी में चर्चाओं का दौर जारी है।

बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

योगी आदित्य नाथ

 उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश में बदलने का सपना

जब हम हिंदुत्व कि बात करते हैं तो एक मुखर आवाज के रूप योगी का चेहरा सामने दिखाई पड़ता है, इनका राजनीतिक इतिहास बहुत ही शानदार रहा है
योगी जब पहली बार गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के माथाधीश बने थे तो वहाँ से उनकी राजनीतिक पराव कि शुरुआत हुई क्यों कि उस समय राम मंदिर आंदोलन उबाल पर था, गोरखनाथ मंदिर के लोंग भी इस आंदोलन में अहम भूमिका में थे!
गोरखपुर लोकसभा से पहली बार पहली वार सांसद बने और लगातार 5 बार सांसद वही से बीजेपी के टिकट पर चुने गए, वर्ष 2017 में जब उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव हुई तो योगी ने पूर्वांचल के सभी सीटों पर अपना दम दिखाया और बीजेपी उत्तर प्रदेश में 312 सीट लेकर जीत हासिल कर ली, बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव से पहले घोषित नहीं किया था, बहुत सारे लोंगो के नाम का कयास लगाया जा रहा था, योगी का नाम तो चर्चा में भी नहीं था, इसी भी मोदी और अमित साह ने एक मास्टरस्ट्रोक खेला और  योगी को बना दिया उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री, थोड़े से विरोध भी अन्दरखाने में हुई मर सिमट गई, क्यों की मोदी साह की जोड़ी के सामने कौन टिक पता ,योगी ने जब अपना कार्य भार संभाला उसने कानून व्यवस्था को ठीक करने का जिम्मा लिया ,सभी अधिकारियों के साथ बैठक की और आदेश दिया की अपने दायित्व को निभाने प्रयास करे ,फिर यागी एक अलग अंदाज में काम करवाना शुरू कर दिया ,जबकि बीजेपी शासित राज्य में मोदी ,मुख्यमंत्री को खुला छूट भी नही देते मगर योगी को खुल कर काम करने का मौका दिया ,यागी ने अपने कार्यकाल में बहुत अच्छे और खराब काम किए जिनसे उनका एक हिंदुत्न का चहरा सामने आया ,बाद में जब शीर्ष नेतृत्व को यह लगने लगा की यागी का कद बढ़ रहा है तो उसने लगाम कसने का प्रयास, रया मगर यागी बिना किसी के  दबाव में आए काम करता रहा ,आज युपी भारत का दूसरा अर्थव्यवस्था वाला राज्य है ,जब से भारत सरकार ने कृषि कानून वापस लिया है, राजनीतिक जमीन हिलते दखने लगी है ऐसे में युपी चुनाव 2022 बहुत अहम है यागी का आगे का राजनीतिक सफर यहांँ से तय होना है 

बिहार में राष्ट्रवाद का मुद्दा अब पुराना पड़ चुका है!

 battle of bihar politics :- chandan jha बिहार के मधुबनी में पीएम मोदी की रैली को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है!  24 अप्रैल को रा...